कानपुर न्यूज डेस्क: भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच तुर्किए की भूमिका को लेकर कानपुर विश्वविद्यालय ने जहां इस्तांबुल विश्वविद्यालय से करार रद्द कर दिया है, वहीं इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (आईआईए) और कई अन्य निर्यातकों ने भी तुर्किए से व्यापार संबंध खत्म करने का फैसला किया है।
व्यापारिक संबंधों पर असर:
आईआईए के पदाधिकारियों ने तुर्किए से किसी भी तरह के उत्पादों का आयात बंद करने की घोषणा की है। इतना ही नहीं, कई निर्यातकों ने भी कहा है कि वे तुर्किए को निर्यात करना बंद कर देंगे। उनका मानना है कि तुर्किए की भूमिका ने इसे भारत विरोधी देश की छवि दी है, जिससे उनका व्यापारिक विश्वास कमजोर हुआ है।
1000 करोड़ रुपये का कारोबार:
फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन (फियो) के सहायक निदेशक आलोक श्रीवास्तव ने बताया कि उत्तर प्रदेश, खासकर कानपुर से तुर्किए को हर साल लगभग 1000 करोड़ रुपये का आयात-निर्यात होता है। इसमें लेदर, फीड सप्लीमेंट, मसाले, रेडीमेड कपड़े और कृषि उत्पाद शामिल हैं। वहीं, यूपी के कई कारोबारी तुर्किए से मशीनें मंगवाते हैं।
सुरक्षा के लिए व्यापार में बदलाव:
कारोबारियों का कहना है कि जब तक वे खुद सुरक्षित महसूस नहीं करेंगे, तब तक वे किसी भारत विरोधी देश के साथ व्यापार नहीं करेंगे।